ईरान के राष्ट्रपति के साथ हानिया
आज की अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक खबर
आज की बड़ी अंतरराष्ट्रीय खबर यह है कि हमास के वरिष्ठ नेता इस्माइल हानियेह की मृत्यु हो गई है। इस घटना की जानकारी ईरान की ताकतवर सैन्य इकाई इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने दी है। रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा ईरान की राजधानी तेहरान में किया गया। हालांकि, मिसाइल कहां से दागी गई, इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है। अगर यह हमला वास्तव में इज़राइल से हुआ है, तो यह 1400 किलोमीटर की दूरी से किया गया एक अत्यंत सटीक अभियान माना जाएगा।
इस्माइल हानियेह, गाज़ा पट्टी स्थित संगठन हमास के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे संगठन की शीर्ष परिषद ‘शूरा काउंसिल’ के सदस्य थे, जो रणनीतिक निर्णयों का संचालन करती है। कहा जाता है कि 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हुए हमले की योजना इसी नेतृत्व के तहत बनी थी, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हुई थी।
2019 में गाज़ा छोड़ने के बाद हानियेह अधिकतर समय ईरान और अन्य सहयोगी देशों में रहते थे। वे हमास के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन जुटाने का कार्य कर रहे थे।
इज़राइल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई "राष्ट्रीय सुरक्षा" से जुड़ी थी। इज़राइल की एक पोस्ट में कहा गया कि "हम अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सतर्क रहते हैं और खतरे को निष्प्रभावी करने के लिए कार्रवाई करते हैं।"
हानियेह हाल ही में ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि समारोह के अगले ही दिन उनके तेहरान स्थित आवास पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें उनके साथ उनके सुरक्षाकर्मी भी मारे गए।
यह घटना ईरान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े करती है, क्योंकि यह हमला ऐसे समय हुआ जब देश में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद थे और सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए थे।
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने भी पुष्टि की है कि इस्माइल हानियेह की मृत्यु तेहरान में हुई। इससे यह भी संकेत मिलता है कि वे लंबे समय से वहीं रह रहे थे और वहीं से हमास की गतिविधियों से जुड़े कार्यों की देखरेख कर रहे थे।
इस घटना के बाद मध्य-पूर्व की राजनीति में एक नई हलचल देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। |
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