मुम्बई की 'बेस्ट' बसों की NO-Best कहानी
मुंबई में पिछले एक साल से किसी काम से आया हूँ , अधिकतर समय लोकल ट्रेन या बसों से ही सफ़र होता है, यहाँ शुरू से ही सड़कों की यातायात का जिम्मा एक विशेष कंपनी जो मुंसीपल प्राधिकरण के अधीन है 'बेस्ट' - BEST (Bombay Electrical Service and Transport ) कंपनी को दिया गया है| कुछ बसें BMC (बॉम्बे म्युन्सिपल कॉर्पोरेशन ) भी चलाता है मगर ज्यादातर बेस्ट ही चलाता है, लेकिन मै अभी भी अनुभव कर रहा हूँ BEST की बसे मुंबई की जनता को ढोने में असमर्थ है |
मैंने ज्यादतर अँधेरी-वर्सोवा रास्ते पे सफ़र किया है या लोखंडवाला या गोरेगाव | सुबह और शाम के समय जब अधिकतर लोग काम पर जाते है या लौटते है इन समय में बेस्ट बसों की संख्या उतनी नहीं होती जितनी होनी चाहिए नतीजन लोग ठूस ठूस के दाखिल होते है | नियम यह है की 13 लोग खड़े रह सकते है लेकिन ३ गुना यानी 40 के करीब लोग अपनी महत्वाकान्षा (जल्दी पहुचने की होड़ ) पूरी कर लेते है | लेकिन मै अपनी यात्रा सिट मिलने पर ही पूरी करता हु चाहे मुझे 6 किलोमीटर पहुचने के लिए 100 मिनट क्यों न रुकना पड़े ! लेकिन दुसरे यात्री का क्या ? जब वो 30 मिनट इंतज़ार करके बस की राह जोत रहा हो और ड्राईवर ने उस स्थान पे बस रोकी न हो तो उस अभागा सामान्य आदमी ( common man ) को ऑटोरिक्शा के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता और मजबूर होना पड़ता जब बस के किराये से 4 से 5 गुना अधिक यात्री किराया भुगतान करना पड़ता |
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ऐसे मै जब वाहन चालक को पूछता हु तो वाहनों की कमी को दोहराते है | आर्थिक तंगी का भी हवाला सुनने आता है | असल में pick टाइम में ठीक से व्यवस्थापन किया जाये तो यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है |
छोटी वातानुकूलित बसों को जो 30 फिट की रोड पर चलाया जा सकता है पर उसे बड़ी रोड पर चलाया जा रहा है नतीजन यात्री संख्या बढ़ने पर उसकी ठंडाई कम होती गई और यात्री को घुटन महसूस |
डिजिटल डिस्प्ले सिर्फ आगे के और साइड के काम करते है और पीछे के कभी कभी, लेकिन अन्दर साइड के डिस्प्ले ज्यादातर बंद ही होते है या चालू रहने पर सिर्फ " WELCOME " ही लिखा होता है सिवाय बस संख्या और गंतव्य स्थान के |
ऐसे में मेरा मानना है की (या इसे सुझाव मान ले तो ) अन्दर की डिस्प्ले को किसी सरकारी संस्थान को बेच दे ताकि उनकी राशी बच जाये और यह राशि बेस्ट बस रख रखाव में लगाये जाये और अधिक बसें रोड पर दौड़े खासकर सुबह 10 बजे तक |
इसी साल BEST कर्मचारी के यूनियन पैनल के चुनाव हुए | मैंने सोचा इसबार कोई नया पैनल चुनके आयेगा तो प्रशाशन के ऊपर दबाव बनाकर कुछ कुछ सुविधाए जनता के हक़ में करवाएगा | और हुआ भी ऐसा की पिछले पैनल को हराकर नया पैनल चुना गया ( मुझे अख़बार से मालूम पड़ा की नया पैनल भाजपा राजनितिक पार्टी की समर्थित है) |
लेकिन वही ढाक के तिन पात | कुछ नया के नाम पर इलेक्ट्रिक बसे मंगवाई गई जो प्रदुषण को कम करेगी लिकिन समय वही लगेगा और ३३% भाड़े में इजाफा | वरली डेपो के बहार आज भी पहला स्थान बगैर शेड का है और यारी रोड बस डेपो के ठीक किनारे वाला शेड किसी कम का नहीं क्यों की बस में यात्री को चढाने की व्यवस्था अन्दर डेपो से है
कंडक्टर की इमानदारी भी आर्थिक लाभ को पूरा नहीं कर रही बेस्ट बसें (BEST )
मैंने हर सफ़र में देखा की बेस्ट बसों के बेस्ट कंडक्टर पूरी ईमानदारी से यात्री से किराया वसूल करते है | अगर पिछले दरवाजे पे खड़ा है तो जोर से आवाज लगाकर पैसा और टिकट हैंगर में लटके यात्री से आवागमन करवाते है | एक रूपया भी वापस करना हो तो यात्री को वापस करते ही है | अगर वो आगे की दरवाजे पर खड़े है तो इस बात का भी ध्यान रखते है की कोई बिना टिकट पिछले दरवाजे से न उतरा हो (नियम यह है की उतरना हो तो आगे के दरवाजा से ही ) बाहरी छपरी लड़कों को बिना टिकट पिछले दरवाजे से उतरते देख बड़ी डांट भी पिलाई है |
लेकिन अखबार में मैंने पढ़ा था की वातानुकूलित छोटी बसे जो कॉन्ट्रैक्ट पे चल रही थी वो contract renew करने में सफ़ल नहीं रही कारन था आर्थिक तंगी | मै सोचने में मजबूर था एक बेस्ट BEST कर्मचारी इमानदारी से काम कर रहा है तो चुक कहा हो रही ?
बेस्ट बस का BEST इतिहास
स्थापना 1873 में हुई जिसका पहला नाम Bombay Tramway Company Limited था
शुरुवात में ट्राम को ( ट्रेन जैसा छोटा डिब्बा) घोड़ों से खिचवाया जाता था |
यह BMC के अधीन स्वायत्त संस्था है |
1905 में वाड़ी में एक थर्मल स्टेशन स्थापित किया गया जिससे मुंबई शहर को बिजली वितरित की जाती थी|
1926 में पहली मोटर बस चलाई गई |
1947 में इसका नाम बदल कर बॉम्बे इलेक्ट्रिक सर्विस एंड ट्रांसपोर्ट कर दिया गया
1995 में जब बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई किया गया तो इस कम्पनी का भी नाम बदल दिया जो की अब
ब्रुहंमुंबई इलेक्ट्रिक सर्विस एंड ट्रांसपोर्ट ( BEST ) है |
विकास : ट्राम गाड़ी से शुरू होकर मोटर गाड़ी , डबल डेकर , इलेक्ट्रिक बस (वातानुकूलित ) , CNG बस , एथेनोल पर चलने वाली , हाइड्रोजन पर चलने वाली बस


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